सच तो यह है कि व्यक्तित्व ही किसी व्यक्ति को सही मायने में न केवल व्यक्ति बनाता है बल्कि उसे पूजनीय, देवता स्वरूप भी बनाता है। यदि व्यक्तित्व आकर्षक होगा तो भविष्य उज्ज्वल होगा। इसलिए हमें यदि अपने भविष्य को सुधारना है तो पहले अपने व्यक्तित्व को निखारना होगा, बाहरी उत्थान से पहले आत्मोत्थान करना होगा, बाहर की उपलब्धियों को पाने से पहले स्वयं को पाना होगा। भविष्य को जीतने से पहले अपने आज को जीतना होगा। लोगों को हराने से पहले स्वयं की बुराइयों को हराना पड़ेगा, तभी सही मायने में केवल भविष्य बल्कि यह मनुष्य जन्म सफल व सुन्दर कहलाएगा।
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Sprache Hindi ● Format EPUB ● ISBN 9789390605385 ● Dateigröße 0.5 MB ● Verlag Prabhakar Prakshan ● Erscheinungsjahr 2019 ● herunterladbar 24 Monate ● Währung EUR ● ID 8295875 ● Kopierschutz Adobe DRM
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