Jayshankar Prasad 
Kamayani [EPUB ebook] 

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‘कामायनी’ हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण कृति है, जो 1936 में प्रकाशित हुई थी। यह महाकाव्य छंदों में लिखी गई काव्य रचना है, जो मानवता के अनेक पहलुओं को उजागर करती है। इस कृति में वैदिक कथा के माध्यम से मानव जीवन के दार्शनिक, सामाजिक और मानसिक पहलुओं को बड़े ही सूक्ष्मता से छुआ गया है।
‘कामायनी’ में प्रसाद ने मानव सभ्यता के विकास की कथा को मनु और श्रद्धा के चरित्र के माध्यम से प्रस्तुत किया है। इसमें वे जीवन के तीन मूल तत्त्व – ज्ञान, कर्म और भावना – का वर्णन करते हैं, और यह बताते हैं कि किस प्रकार ये तत्व मानव जीवन के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
काव्य में उन्होंने पौराणिक कथाओं को आधुनिक संदर्भ में पुनर्व्याख्या की है, जिससे यह कृति समय की सीमाओं को पार करती हुई प्रतीत होती है। इसकी भाषा और शैली काव्यात्मक गहराई और सौंदर्य को प्रकट करती है, जो पाठकों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है।
‘कामायनी’ न केवल हिंदी साहित्य में एक मील का पत्थर है, बल्कि यह मानवीय भावनाओं और दर्शन की गहराइयों का एक अनूठा अन्वेषण भी है। इस कृति के माध्यम से प्रसाद ने उस समय के समाज, संस्कृति, और दर्शन की जटिलताओं को उजागर किया है, जो आज भी प्रासंगिक है।

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Langue Anglais ● Format EPUB ● Pages 127 ● ISBN 9789359882680 ● Taille du fichier 0.4 MB ● Maison d’édition True Sign Publishing House ● Publié 2024 ● Téléchargeable 24 mois ● Devise EUR ● ID 10222259 ● Protection contre la copie Adobe DRM
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