Tulsidas 
Geetawali [EPUB ebook] 

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गीतावली गोस्वामी तुलसीदास की काव्य कृति है। गीतावली तुलसीदास की प्रमाणित रचनाओं में मानी जाती है। यह ब्रजभाषा में रचित गीतों वाली रचना है जिसमें राम के चरित की अपेक्षा कुछ घटनाएँ, झाँकियाँ, मार्मिक भावबिन्दु, ललित रस स्थल, करुणदशा आदि को प्रगीतात्मक भाव के एकसूत्र में पिरोया गया है। ब्रजभाषा यहाँ काव्यभाषा के रूप में ही प्रयुक्त है बल्कि यह कहा जा सकता है कि गीतावली की भाषा सर्वनाम और क्रियापदों को छोड़कर प्रायः अवधी ही है।

आजु सुदिन सुभ घरी सुहाई |
रूप-सील-गुन-धाम राम नृप-भवन प्रगट भए आई ||

अति पुनीत मधुमास, लगन-ग्रह-बार-जोग-समुदाई |
हरषवन्त चर-अचर, भूमिसुर-तनरुह पुलक जनाई ||

बरषहिं बिबुध-निकर कुसुमावलि, नभ दुन्दुभी बजाई |
कौसल्यादि मातु मन हरषित, यह सुख बरनि न जाई ||

सुनि दसरथ सुत-जनम लिये सब गुरुजन बिप्र बोलाई |
बेद-बिहित करि क्रिया परम सुचि, आनँद उर न समाई ||

सदन बेद-धुनि करत मधुर मुनि, बहु बिधि बाज बधाई |
पुरबासिन्ह प्रिय-नाथ-हेतु निज-निज सम्पदा लुटाई ||

मनि-तोरन, बहु केतुपताकनि, पुरी रुचिर करि छाई |
मागध-सूत द्वार बन्दीजन जहँ तहँ करत बड़ाई ||

सहज सिङ्गार किये बनिता चलीं मङ्गल बिपुल बनाई |
गावहिं देहिं असीस मुदित, चिर जिवौ तनय सुखदाई ||

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Langue Hindi ● Format EPUB ● Pages 39 ● ISBN 9781329908482 ● Taille du fichier 0.8 MB ● Maison d’édition Sai ePublications ● Publié 2017 ● Téléchargeable 24 mois ● Devise EUR ● ID 5317238 ● Protection contre la copie sans

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