अपूर्वकुमार बी.ए. पास करके ग्रीष्मावकाश में विश्व की महान नगरी कलकत्ता से अपने गांव को लौट रहा था। मार्ग में छोटी-सी नदी पड़ती है। वह बहुधा बरसात के अन्त में सूख जाया करती है; परन्तु अभी तो सावन मास है। नदी अपने यौवन पर है, गांव की हद और बांस की जड़ों का आलिंगन करती हुई तीव्रता से बहती चली जा रही है।
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भाषा हिंदी ● स्वरूप EPUB ● पेज 44 ● ISBN 6610000023530 ● फाइल का आकार 0.3 MB ● प्रकाशक Sai ePublications ● देश US ● प्रकाशित 2017 ● डाउनलोड करने योग्य 24 महीने ● मुद्रा EUR ● आईडी 7542008 ● कॉपी सुरक्षा Adobe DRM
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