सामाजिक अन्याय, नैतिक मूल्यों और राजनीतिक जागरूकता पर आधारित ‘कर्मभूमि’ मुंशी प्रेमचंद का एक कालजयी उपन्यास है। यह कहानी एक युवा आदर्शवादी अमर कुमार की है, जो समाज में व्याप्त जाति-पाति, शोषण और अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करता है।
अमर की यात्रा उसे व्यक्तिगत सुख-सुविधाओं से दूर कर समाज सेवा और देशप्रेम की राह पर ले जाती है। शिक्षा, स्वतंत्रता संग्राम, किसान आंदोलन और नैतिक उत्थान जैसे विषयों को छूते हुए यह उपन्यास भारतीय समाज के वास्तविक स्वरूप को उजागर करता है।
मुंशी प्रेमचंद की लेखनी न केवल सामाजिक परिस्थितियों का आईना दिखाती है, बल्कि पाठकों को आत्मचिंतन और कर्तव्यपरायणता के मार्ग पर भी प्रेरित करती है। ‘कर्मभूमि’ केवल एक उपन्यास नहीं, बल्कि विचारों की क्रांति है-जो आज भी प्रासंगिक और प्रेरणादायक है।
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Lingua Hindi ● Formato EPUB ● Pagine 454 ● ISBN 9789361906817 ● Dimensione 0.8 MB ● Casa editrice Pages Planet Publishing ● Pubblicato 2025 ● Edizione 1 ● Scaricabile 24 mesi ● Moneta EUR ● ID 10239768 ● Protezione dalla copia Adobe DRM
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