Premchand 
Mansarovar Part – 2: Do Bailon ki Katha Tatha Anya Kahaniyan [EPUB ebook] 

Sokongan

प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई, 1880 को वाराणसी के निकट लम्ही ग्राम में हुआ था। उनके पिता अजायब राय पोस्ट ऑफिस में क्लर्क थे। वे अजायब राय व आनन्दी देवी की चौथी संतान थे। पहली दो लड़कियाँ बचपन में ही चल बसी थीं। तीसरी लड़की के बाद वे चौथे स्थान पर थे। माता पिता ने उनका नाम धनपत राय रखा।
सात साल की उम्र से उन्होंने एक मदरसे से अपनी पढ़ाई-लिखाई की शुरुआत की जहाँ उन्होंने एक मौलवी से उर्दू और फारसी सीखी। जब वे केवल आठ साल के थे तभी लम्बी बीमारी के बाद आनन्दी देवी का स्वर्गवास हो गया। उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली परंतु प्रेमचंद को नई माँ से कम ही प्यार मिला। धनपत को अकेलापन सताने लगा।
वाराणसी के एक वकील के बेटे को 5 रु महीना पर ट्यूशन पढ़ाकर जिंदगी की गाड़ी आगे बढ़ी। कुछ समय बाद 18 रु महीना की स्कूल टीचर की नौकरी मिल गई। सन् 1900 में सरकारी टीचर की नौकरी मिली और रहने को एक अच्छा मकान भी मिल गया।
धनपत राय ने सबसे पहले उर्दू में ‘नवाब राय’ के नाम से लिखना शुरू किया। बाद में उन्होंने हिंदी में प्रेमचंद के नाम से लिखा। प्रेमचंद ने 300 से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनकी कहानियों का अनुवाद विश्व की अनेक भाषाओं में हुआ है। प्रेमचंद ने मुंबई में रहकर फिल्म ‘मज़दूर’ की पटकथा भी लिखी।
प्रेमचंद काफी समय से पेट के अलसर से बीमार थे, जिसके कारण उनका स्वास्थ्य दिन-पर-दिन गिरता जा रहा था। इसी के चलते 8 अक्टूबर, 1936 को कलम के इस सिपाही ने सब से विदा ले ली।

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Bahasa Hindi ● Format EPUB ● ISBN 9789389851281 ● Saiz fail 0.8 MB ● Penerbit Prabhakar Prakshan ● Diterbitkan 2019 ● Muat turun 24 bulan ● Mata wang EUR ● ID 8295842 ● Salin perlindungan Adobe DRM
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