प्रख्यात हिंदी साहित्यकार प्रेमचंद द्वारा रचित ‘ठाकुर का कुआँ’ एक मार्मिक कहानी है, जो समाज में व्याप्त छुआछूत और जातिगत भेदभाव पर करारा प्रहार करती है। यह कथा एक गरीब दलित स्त्री गंगा की पीड़ा और साहस को उजागर करती है, जो अपने बीमार पति के लिए शुद्ध पानी लाने की कोशिश करती है, लेकिन ऊँची जाति के लोगों की अमानवीयता के कारण उसे संघर्ष करना पड़ता है।
इस कहानी में प्रेमचंद ने सामाजिक अन्याय, शोषण और मानवीय करुणा को अत्यंत संवेदनशीलता से प्रस्तुत किया है। क्या गंगा अपने पति के लिए शुद्ध पानी ला पाएगी? क्या समाज की दीवारें उसके हौसले को रोक पाएँगी?
‘ठाकुर का कुआँ’ केवल एक कहानी नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना की एक अमर मिसाल है, जो हर पाठक के मन में गहरी छाप छोड़ती है।
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Language Hindi ● Format EPUB ● Pages 8 ● ISBN 9789361900167 ● Publisher Infinity Spectrum Books ● Published 2025 ● Edition 1 ● Downloadable 24 months ● Currency EUR ● ID 10228199 ● Copy protection Adobe DRM
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