‘लहर’ जयशंकर प्रसाद की एक प्रमुख हिंदी कविता है। जयशंकर प्रसाद, हिंदी साहित्य के छायावादी युग के एक महत्वपूर्ण कवि थे, जिनकी रचनाएँ भावनात्मक गहराई और प्रकृति के सौंदर्य का चित्रण करती हैं। ‘लहर’ कविता में, प्रसाद ने प्राकृतिक दृश्यों और मानव जीवन के भावों को बड़ी सुंदरता और सहजता से व्यक्त किया है।
इस कविता में, प्रसाद ने लहरों के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं का दर्शन किया है। लहरें न केवल प्रकृति की शक्ति और सौंदर्य का प्रतीक हैं, बल्कि ये जीवन के उतार-चढ़ाव, आशाओं और निराशाओं का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। कविता में इन लहरों के जरिए प्रसाद ने मानवीय भावनाओं और अनुभूतियों को भी छुआ है।
‘लहर’ कविता में प्रकृति और मानव जीवन के बीच की समानताएं और विरोधाभासों को बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया गया है। यह कविता न केवल प्रकृति की विविधता और उसके चिरंतन सौंदर्य को दर्शाती है, बल्कि यह मानवीय जीवन के अनुभवों और उनके परिवर्तनशील स्वरूप को भी उजागर करती है।
यह कविता उन पाठकों के लिए आदर्श है जो प्रकृति के सौंदर्य, मानव भावनाओं, और दार्शनिक विचारों में रुचि रखते हैं। जयशंकर प्रसाद की यह रचना हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण कृति के रूप में स्थापित है।
Jayshankar Prasad
Lahar (Kavita Sangrah) [EPUB ebook]
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Taal Hindi ● Formaat EPUB ● Pagina’s 68 ● ISBN 9789359887906 ● Bestandsgrootte 0.3 MB ● Uitgeverij True Sign Publishing House ● Gepubliceerd 2024 ● Downloadbare 24 maanden ● Valuta EUR ● ID 10222358 ● Kopieerbeveiliging Adobe DRM
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