‘प्रतिज्ञा’ – प्रेमचंद द्वारा रचित उपन्यास है। जिसमें प्रेमचंद ने भारतीय नारी के जीवन की गहराईयों में जाकर उनके हर विषम से विषम परिस्थितयों में घुट-घुट कर जीने के साथ-साथ भारतीय नारी की विवशताओं और उनकी नियति का सजीव चित्रण प्रस्तुत किया है। एक विधवा महिला का समाज में दुर्दशा कितनी दर्दनीय और कठिन है। पाठकों को यह कहानी पढ़कर पता चलेगा।
‘प्रतिज्ञा’ उपन्यास के नायक है विधुर अमृतराय है। जिनकी चाहत है की वो किसी विधवा से शादी कर ले। जिससे किसी नवयौवना का जीवन बर्बाद होने से बच जाए। इस उपन्यास की नायिका पूर्णा आश्रयहीन विधवा है। जिसका जीना समाज के दरिंदों ने मुश्किल कर दिया है। प्रेमचंद ने अपने इस उपन्यास में विधवा के जीवन की समस्याओं का खुलकर एक रूप से जाहिर किया है। साथ ही समाज को नए विकल्प का सुझाव है।
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Taal Hindi ● Formaat EPUB ● ISBN 9789354621192 ● Bestandsgrootte 0.4 MB ● Uitgeverij True Sign Publishing House ● Gepubliceerd 2023 ● Downloadbare 24 maanden ● Valuta EUR ● ID 8295752 ● Kopieerbeveiliging Adobe DRM
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