वृन्दावन कुण्डू क्रोधावेश में अपने पिता के पास आकर कहने लगा- ”मैं इसी समय आपसे विदा होना चाहता हूं।” उसके पिता जगन्नाथ कुण्डू ने घृणा प्रकट करते हुए कहा- ”अभागे! कृतघ्न! मैंने जो रुपया तेरे पालन-पोषण पर खर्च किया है, उसे चुका कर ही ऐसी धमकी देना।’
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Language Hindi ● Format EPUB ● Pages 28 ● ISBN 6610000024278 ● File size 0.3 MB ● Publisher Sai ePublications ● Country US ● Published 2017 ● Downloadable 24 months ● Currency EUR ● ID 7542014 ● Copy protection Adobe DRM
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