Jayshankar Prasad 
Kankaal (Upanyaas) [EPUB ebook] 

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’कंकाल’ जयशंकर प्रसाद का एक प्रमुख उपन्यास है, जो हिंदी साहित्य में अपने गहरे मानवीय परिप्रेक्ष्य और सूक्ष्म चरित्र-चित्रण के लिए जाना जाता है। इस उपन्यास में, प्रसाद ने मानवीय संवेदनाओं, आदर्शों, और सामाजिक विसंगतियों को बड़ी ही कुशलता से चित्रित किया है।
’कंकाल’ में, प्रसाद ने उस समय के भारतीय समाज में व्याप्त विभिन्न सामाजिक और नैतिक मुद्दों को उठाया है। उपन्यास की कथा में मुख्य रूप से स्त्री-पुरुष संबंधों, पारिवारिक बंधनों, और व्यक्तिगत आदर्शों के बीच संघर्ष को दर्शाया गया है। इसमें वर्णित पात्र अपने संघर्षों और आंतरिक द्वंद्वों के माध्यम से समाज के व्यापक चित्र को प्रस्तुत करते हैं।
इस उपन्यास की भाषा और शैली अत्यंत सजीव और प्रभावशाली है, जो पाठकों को गहराई से जोड़ती है। प्रसाद की कहानी कहने की कला और उनका मानवीय संवेदना के प्रति सूक्ष्म दृष्टिकोण ’कंकाल’ को हिंदी साहित्य के क्लासिक कृतियों में एक विशेष स्थान प्रदान करता है।
’कंकाल’ सिर्फ एक उपन्यास नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक दर्पण भी है, जो उस समय के भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है। यह उपन्यास न केवल अपने समय के समाज की कहानी कहता है, बल्कि आज के समय में भी इसकी प्रासंगिकता बनी हुई है।

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Språk Engelska ● Formatera EPUB ● Sidor 209 ● ISBN 9789359881317 ● Filstorlek 0.5 MB ● Utgivare True Sign Publishing House ● Publicerad 2023 ● Nedladdningsbara 24 månader ● Valuta EUR ● ID 10226426 ● Kopieringsskydd Adobe DRM
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