स्त्रियों को लेकर भारतीय समाज का रवैया हमेशा द्वंद्व से भरा हुआ रहा है। एक ओर हमारे यहाँ स्त्री को देवी का दर्जा दिया जाता है तो दूसरी ओर समय-समय पर उसका अपमान भी किया जाता है। इसी तरह का एक रवैया विधवा स्त्रियों को लेकर आज भी भारतीय समाज में प्रचलित है। प्रेमचन्द ने इस उपन्यास के माध्यम से इन्हीं पुरानी मान्यताओं पर बड़ा ही तीखा प्रहार किया है और इस प्रहार के नायक इस उपन्यास के पात्र अमृतराय बनते हैं। हिंदी कथा सम्राट प्रेमचंद का यह उपन्यास, जैसाकि नाम से ही मालूम होता है, एक प्रतिज्ञा को लेकर रचा गया है। अमृतराय विधवा सुधार को लेकर एक प्रतिज्ञा करते हैं कि वे उनकी सेवा में अपना सबकुछ होम कर देंगे। इस प्रतिज्ञा के कारण उन्हें जीवन में कई तरह के त्याग करने पड़ते हैं। जैसे अपने प्रेम, अपनी सम्पत्ति, यहाँ तक की अपने सबसे करीबी दोस्त दाननाथ की बेरुखाई का सामना भी करना पड़ता है लेकिन इसके बावजूद वह अपनी प्रतिज्ञा से पीछे नहीं हटते और अंत में सफल भी होते हैं।
Premchand
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Språk Engelska ● Formatera EPUB ● Sidor 147 ● ISBN 9789389851649 ● Filstorlek 0.5 MB ● Utgivare Prabhakar Prakshan ● Publicerad 2024 ● Nedladdningsbara 24 månader ● Valuta EUR ● ID 10224386 ● Kopieringsskydd Adobe DRM
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