जब प्रेम चमकता है, यह सच्चिदानन्द है। जब प्रेम बहता है, यह अनुकम्पा है। जब प्रेम उफनता है, यह क्रोध है। जब प्रेम सुलगता है, यह ईर्श्या है। जब प्रेम नकारता है, यह घृणा है। जब प्रेम सक्रिय है, यह सम्पूर्ण है। जब प्रेम में ज्ञान है, यह “मैं”हूॅं। गुरूदेव श्री श्री रवि शंकर
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ภาษา ภาษาฮินดี ● รูป EPUB ● หน้า 65 ● ISBN 9789385898709 ● ขนาดไฟล์ 0.5 MB ● สำนักพิมพ์ Aslan eReads ● การตีพิมพ์ 2019 ● ที่สามารถดาวน์โหลดได้ 24 เดือน ● เงินตรา EUR ● ID 7588066 ● ป้องกันการคัดลอก ไม่มี