Rabindranath Tagore 
Aprichita Aur Avgunthan [EPUB ebook] 
Do Kahaniya

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अपरिचिता

आज मेरी आयु केवल सत्ताईस साल की है। यह जीवन न दीर्घता के हिसाब से बड़ा है, न गुण के हिसाब से। तो भी इसका एक विशेष मूल्य है। यह उस फूल के समान है जिसके वक्ष पर भ्रमर आ बैठा हो और उसी पदक्षेप के इतिहास ने उसके जीवन के फल में गुठली का-सा रूप धारण कर लिया हो। वह इतिहास आकार में छोटा है, उसे छोटा करके ही लिखूंगा। जो छोटे को साधारण समझने की भूल नहीं करेंगे वे इसका रस समझेंगे।

अवगुंठन

महामाया और राजीव लोचन दोनों सरिता के तट पर एक प्राचीन शिवालय के खंडहरों में मिले। महामाया ने मुख से कुछ न कहकर अपनी स्वाभाविक गम्भीर दृष्टि से तनिक कुछ तिरस्कृत अवस्था में राजीव की ओर देखा, जिसका अर्थ था कि जिस बिरते पर तुम आज बेसमय मुझे यहां बुला ले आये हो? मैं अब तक तुम्हारी सभी बातों का समर्थन करती आई हूं, इसी से तुम्हारा इतना साहस बढ़ गया।

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Ngôn ngữ tiếng Hindi ● định dạng EPUB ● Trang 32 ● ISBN 6610000017836 ● Kích thước tập tin 0.3 MB ● Nhà xuất bản Sai ePublications ● Quốc gia US ● Được phát hành 2017 ● Có thể tải xuống 24 tháng ● Tiền tệ EUR ● TÔI 7541718 ● Sao chép bảo vệ không có

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