मनोरमा’ – प्रेमचंद जी द्वारा रचित एक सामाजिक उपन्यास है प्रेमचंद जी ने अपने इस उपन्यास से तत्कालीन सामाजिक व्यवस्था का संपूर्ण सजीव चित्र अंकित किया है। इसी के साथ प्रेमचंद जी ने उस समय चल रहे नारी की व्यथा की कहानी को भी अपने इस उपन्यास में पिरोया है।
‘मनोरमा’ उपन्यास में नायिका मनोरमा है, जिसके जरिए प्रेमचंद जी ने उस समय भारत में नारी की सामाजिक व्यथा और उनकी दुर्दशा का खुलकर वर्णन किया है। यह कथाशिल्प का एक अनूठा उपन्यास है। जिसमें एक औरत के जीवन में आने वाली सारी परेशानियों और उनकी दिक्कतों के कारण का खुलकर वर्णन है। इस पढ़ कर पाठकों को पता चलेगा की उन दिनों औरतों का जीवन कितना मुश्किल था और उनके जीवन की मुश्किलों का कारण क्या था?
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Idioma Hindú ● Formato EPUB ● ISBN 9789354625046 ● Tamaño de archivo 0.5 MB ● Editorial True Sign Publishing House ● Publicado 2023 ● Descargable 24 meses ● Divisa EUR ● ID 8284862 ● Protección de copia Adobe DRM
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