जब से यहाँ आयी हूँ, तुम्हारी याद सताती रहती है। काश! तुम कुछ दिनों के लिए यहाँ चली आतीं, तो कितनी बहार रहती। मैं तुम्हें अपने विनोद से मिलाती। क्या यह सम्भव नहीं है ? तुम्हारे माता-पिता क्या तुम्हें इतनी आजादी भी न देंगे ? मुझे तो आश्चर्य यही है कि बेड़ियाँ पहनकर तुम कैसे रह सकती हो! मैं तो इस तरह घण्टे-भर भी नहीं रह सकती।
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Langue Hindi ● Format EPUB ● Pages 77 ● ISBN 6610000027729 ● Taille du fichier 0.3 MB ● Maison d’édition Sai ePublications ● Pays US ● Publié 2017 ● Téléchargeable 24 mois ● Devise EUR ● ID 7542026 ● Protection contre la copie sans