Premchand 
Karmbhumi [EPUB ebook] 

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हमारे शिक्षालयों में नर्मी को घुसने ही नहीं दिया जाता। वहां स्थायी रूप से मार्शल-लॉ का व्यवहार होता है। कचहरी में पैसे का राज है, हमारे स्कूलों में भी पैसे का राज है, उससे कहीं कठोर, कहीं निर्दय। देर में आइए तो जुर्माना, न आइए तो जुर्माना, सबक़ न याद हो तो जुर्माना, किताबें न खरीद सकिए तो जुर्माना, कोई अपराध हो जाए तो जुर्माना, शिक्षालय क्या है, जुर्मानालय है। यही हमारी पश्चिमी शिक्षा का आदर्श है, जिसकी तारीफों के पुल बांधे जाते हैं। यदि ऐसे शिक्षालयों से पैसे पर जान देने वाले, पैसे के लिए गरीबों का गला काटने वाले, पैसे के लिए अपनी आत्मा बेच देने वाले छात्र निकलते हैं, तो आश्चर्य क्या है?

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Taal Engels ● Formaat EPUB ● Pagina’s 391 ● ISBN 9789389851564 ● Bestandsgrootte 0.8 MB ● Uitgeverij Prabhakar Prakshan ● Gepubliceerd 2024 ● Downloadbare 24 maanden ● Valuta EUR ● ID 10224383 ● Kopieerbeveiliging Adobe DRM
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