Shashikant Sadaiv 
Osho Ke Baad Ka Vivad [EPUB ebook] 

สนับสนุน

ओशो के जाने के बाद ऐसे कई विवाद हैं जिनसे ओशो संन्यासी भी परेशान हैं। उन्हें खुद नहीं पता कि इतने विवाद क्यों हैं, इसलिए जब कोई मित्र उनसे इन विवादों के बारे में पूछता है तो उनके पास उनकी कोई सही व ठोस जानकारी नहीं होती। यह पुस्तक उन्हें उन विवादों की बारीकियों से परिचित करवाती है। जैसे, ओशो की मृत्यु प्राकृतिक मृत्यु नहीं थी, ओशो ने अपनी पुस्तकों का कॉपीराइट करवा रखा था, ओशो नाम अब एक ट्रेडमार्क हो गया है जिसे कोई और प्रयोग नहीं कर सकता, पूना में स्थित ओशो कम्यून के आए अनेकों परिवर्तन गैरकानूनी एवं मनगढ़ंत हैं। एक तरफ इन विषयों पर विवाद है तो कहीं उन लोगों के कारण विवाद हैं जो ओशो की देशनाओं एवं निर्देशित ध्यान विधियों तथा आश्रम व्यवस्था को ठीक उसके विपरीत कर रहे हैं। कौन मिलावटी है, तो कौन दिखावटी। कौन ओशो को बेच रहा है तो कौन ओशो को बचा रहा है? सब कुछ इस पुस्तक को पढ़कर स्पष्ट हो जाता है।

€0.99
วิธีการชำระเงิน
ซื้อ eBook เล่มนี้และรับฟรีอีก 1 เล่ม!
ภาษา อังกฤษ ● รูป EPUB ● หน้า 311 ● ISBN 9788194433620 ● ขนาดไฟล์ 0.7 MB ● สำนักพิมพ์ Prabhakar Prakshan ● การตีพิมพ์ 2024 ● ที่สามารถดาวน์โหลดได้ 24 เดือน ● เงินตรา EUR ● ID 10225459 ● ป้องกันการคัดลอก Adobe DRM
ต้องใช้เครื่องอ่านหนังสืออิเล็กทรอนิกส์ที่มีความสามารถ DRM

หนังสืออิเล็กทรอนิกส์เพิ่มเติมจากผู้แต่งคนเดียวกัน / บรรณาธิการ

113,128 หนังสืออิเล็กทรอนิกส์ในหมวดหมู่นี้